बुध की महा दशा में क्या करें और क्या न करें?

बुध की महा दशा में क्या करें और क्या न करें?
बुध की महा दशा में क्या करें और क्या न करें?

बुध की महा दशा में क्या करें और क्या न करें?

**परिचय:**

बुध की महा दशा, जो कि ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण समय अवधि है, व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। यह अवधि बुध ग्रह के प्रभाव को दर्शाती है और इसके दौरान बुध के गुणों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अधिक प्रबल होता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बुध की महादशा के दौरान व्यक्ति 17 साल तक बुध देव के प्रभाव में रहता है. बुध देव को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता, अर्थव्यवस्था, व्यापार, और मित्र का कारक माना जाता है. अगर कुंडली में बुध देव अशुभ स्थिति में हों, तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, बुध की महादशा के दौरान कुछ उपाय करके बुध ग्रह को प्रसन्न किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मक तरंगें खींची जा सकती हैं.

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि बुध की महा दशा के दौरान कौन-कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से नहीं करने चाहिए।

**बुध की महा दशा में क्या करें:**

  1. **मंत्र जाप और पूजा:**

– बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए बुध मंत्र का जाप करें। “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का नियमित जाप लाभकारी हो सकता है।

– बुध यंत्र की स्थापना करें और उसकी नियमित पूजा करें।

  1. **सकारात्मक सोच:**

– इस अवधि में सकारात्मक सोच बनाए रखें। नकारात्मक विचारों से दूर रहें और अपने मन को शांत रखें।

– ध्यान और योग का अभ्यास करें ताकि मानसिक शांति बनी रहे।

  1. **संचार कौशल में सुधार:**

– अपने संचार कौशल को सुधारें और स्पष्ट तथा प्रभावी ढंग से संवाद करें।

– लेखन और भाषण के क्षेत्र में अपनी क्षमता को बढ़ाएं।

  1. **व्यापारिक और शैक्षणिक प्रयास:**

– इस अवधि में नए व्यापारिक और शैक्षणिक प्रयास करें। बुध की महा दशा व्यापार और शिक्षा के लिए अनुकूल होती है।

– नई योजनाओं और परियोजनाओं में अपनी पूरी ऊर्जा और मेहनत लगाएं।

  1. **स्वास्थ्य का ध्यान रखें:**

– अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार लें।

– मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान और मेडिटेशन का सहारा लें।

**बुध की महा दशा में क्या न करें:**

  1. **झूठ और धोखाधड़ी:**

– इस अवधि में झूठ बोलने और धोखाधड़ी से बचें। बुध ग्रह सत्य और स्पष्टता का प्रतीक है, इसलिए ईमानदार रहें।

– अनैतिक और गलत कार्यों से दूर रहें।

  1. **गलतफहमियाँ:**

– संवाद में गलतफहमियों से बचें। स्पष्ट और सटीक बातचीत करें ताकि कोई भी गलतफहमी न हो।

– असमंजस और विवाद से दूर रहें।

  1. **आलस्य और निष्क्रियता:**

– आलस्य और निष्क्रियता से बचें। बुध की महा दशा में सक्रिय और उत्साही बने रहें।

– समय का सही उपयोग करें और अपने कार्यों में अनुशासन बनाए रखें।

  1. **धन का अपव्यय:**

– धन का अपव्यय न करें। बुध की महा दशा में वित्तीय स्थिति को स्थिर और सुरक्षित रखें।

– अनावश्यक खर्चों से बचें और अपनी वित्तीय योजनाओं को सही दिशा में रखें।

  1. **स्वास्थ्य की उपेक्षा:**

– अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा न करें। नियमित चेकअप करवाएं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज न करें।

– मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखें।

**निष्कर्ष:**

बुध की महा दशा एक महत्वपूर्ण अवधि होती है जो व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों दिशाओं में प्रभावित कर सकती है। इस अवधि के दौरान उचित कदम उठाना और सावधानी बरतना आवश्यक है। इस ब्लॉग में बताई गई जानकारी आपको बुध की महा दशा के दौरान सही दिशा में कार्य करने और नकारात्मक प्रभावों से बचने में मदद करेगी।

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