जोधपुर मे मंडोर गार्डन मे कुछ मंदिर जेसी इमारते हे पर उनमे मूर्ति नहीं हे उनको क्या कहते ?
जोधपुर के मंडोर गार्डन की प्राचीन सुंदरता का अन्वेषण करें और इसके अनूठे छतरियों के जटिल विवरणों को जानें। मारवाड़ शासकों को समर्पित इन आश्चर्यजनक संरचनाओं के इतिहास और महत्व के बारे में जानें।
जोधपुर के मंडोर गार्डन में कुछ मंदिर जैसी इमारतें जो मूर्ति विहीन हैं, उन्हें छतरी या सेनोटाफ कहा जाता है।
- छतरी: ये स्मारक हैं जो मृत शासकों या योद्धाओं की याद में बनाए गए थे। इनमें आमतौर पर एक गुंबददार छत होती है, जो स्तंभों द्वारा समर्थित होती है।
- सेनोटाफ: ये स्मारक युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की याद में बनाए गए थे। इनमें अक्सर शिलालेख होते हैं जो मृतक के जीवन और उपलब्धियों का वर्णन करते हैं।
मंडोर गार्डन में कई प्रसिद्ध छतरियां और सेनोपिटाफ हैं, जिनमें राजा रण सिंह की छतरी, महाराजा अजीत सिंह की छतरी, और वीर दुरगदास की सेनोपिटाफ शामिल हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी मूर्ति विहीन मंदिर जैसी इमारतें छतरियां या सेनोपिटाफ नहीं होती हैं। कुछ इमारतें धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती थीं, लेकिन इनमें मूर्तियां नहीं थीं।
यह जानने के लिए कि मंडोर गार्डन की कौन सी इमारत छतरी या सेनोपिटाफ है, आप किसी गाइड से पूछ सकते हैं या सूचनात्मक बोर्ड पढ़ सकते हैं।
जी हां, मंडोर गार्डन में स्थित इन मूर्तिविहीन मंदिर जैसी इमारतों को स्थानीय भाषा में देवल भी कहा जाता है।
- देवल शब्द संस्कृत के ‘देव’ शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है देवता।
- प्राचीन काल में देवल शब्द देवताओं को समर्पित किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- मंडोर गार्डन में ये देवल शायद किसी विशिष्ट देवता को समर्पित नहीं थे, बल्कि राजाओं या महारानीयों की याद में बनाए गए थे।
तो, आप कह सकते हैं कि छतरी, सेनोपिटाफ और देवल ये तीनों ही मंडोर गार्डन की इन इमारतों के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्द हैं।
क्यों अलग-अलग नाम?
- छतरी और सेनोपिटाफ: ये शब्द अधिकतर इतिहासकारों और पुरातत्वविदों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं, क्योंकि ये शब्द इन इमारतों की वास्तुशिल्पीय विशेषताओं और इतिहास को अधिक सटीक रूप से दर्शाते हैं।
- देवल: यह शब्द स्थानीय लोगों द्वारा अधिक इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह शब्द इन इमारतों के धार्मिक महत्व को दर्शाता है।
अंत में
मंडोर गार्डन की ये इमारतें भारतीय वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना हैं। इनकी सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण ये पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र हैं।

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