Your cart is currently empty!
निगेटिव सोच – क्या है ? कैसे इससे बचें ?
निगेटिव सोच – क्या है ? कैसे इससे बचें ?
मानव का दिमाग ओर मन हर वक़्त कुछ न कुछ सोचता ही रहता है। कई बार वो अच्छा सोचता है तो उसे खुशी मिलती ओर कई बार वो बुरा सोचता है तो उसे दुख मिलता है। मन मे एक डर सा बैठ जाता है। एक व्यक्ति के मन में कोई भी ऐसा विचार आना जो उसे दुखी करे या जिसे सोचकर वह डरने लगे को निगेटिव सोच या विचार कहते है।
अब प्रश्न ये पैदा होता है कि नेगेटिव विचार या सोच क्यों मन में आते है? कारण ये है कि हमारे दिमाग पर अच्छी घटनाओं से ज्यादा प्रभाव बुरी घटनाओं का पड़ता है। अच्छी घटनाओं को तो हमारा माइंड सेफ रख लेता है लेकिन उसे लगता है कि हर बुरी घटना से उसे हमारे शरीर को बचाना होगा। इसीलिए बुरी घटना होने पर हमारा माइंड ज़्यादा एक्टिव हो जाता है और वो बात लम्बे समय के लिए हमारी सोच का हिस्सा बन जाती है ओर हम हर वक़्त निगेटिव ही सोचते रहते हे। और जो निगेटिव बाते हम सोचते हे वो सच मे हमारे जीवन मे घटित हो भी जाती है।
आप लोगो ने Rhonda Byrne की किताब The Secret तो पढ़ी होगी। उसमे लेखिका ने स्पष्ट लिखा है की जो कुछ भी हम सोचते हे वो ब्रह्मांड (यूनिवर्स) मे घूमता रहता है और वापस हम पर ही लोट कर आता है। तो जो कुछ भी हम निगेटिव सोचते हे वो ब्रह्मांड (यूनिवर्स) मे घूम कर हम पर ही वापस आ जाता है और वो सब निगेटिव जो हमने सोचा था घटित हो जाता है।
मैंने तो ऐसे कई लोगो को देखा है जो हर वक़्त निगेटिव ही सोचते हे, और उनकी ज़िंदगी मे निगेटिव होता भी है।ऐसा नहीं है कि सकारात्मक सोच के लोग कभी भी नकारात्मक नहीं सोचते है, उन पर भी नकारात्मकता हावी होती है लेकिन समय रहते वो उस पर काबू पा लेते है। यही खूबी उनको बाकि लोगों से अलग बनाती है। लेकिन निगेटिव सोच के लोग कभी पॉज़िटिव सोचते ही नहीं है। हर वक़्त बस उनमे निगेटिव विचारधारा भरी रहती है। वो कभी किसी मे कुछ अच्छाई देख ही नहीं सकते है, बस उनको सिर्फ लोगो मे बुराई ही नज़र आती है। अपनी व्यक्तिगत ज़िंदगी मे भी बस वो निगेटिवे ही सोचते रहते है। मैने ऐसे कई लोगो को देखा है कि वो जीवन की हर घटना मे बस निगेटिवीटी ही दैखते है ।
ऐक निगेटिव सोच वाला व्यक्ति सड़क पर सफेद कमीज पहन कर जा रहा रहा था, इतने मे ऐक उड़ती चिड़िया ने उसकी कमीज पर बीट करके गंदा कर दिया । वो व्यक्ति तुरंत अपनी निगेटिव सोच के कारण कहने लगा देखो इस चिड़िया ने भी
मुझ पर ही बीट करने की सोची । वही अगर किसी पोजीटिव सोच वाला व्यक्ति के उपर चिड़िया बीट कर देती तो वह यह सोचता कि अच्छा है कि हाथी नही उड़ते है वरना आज चिड़िया की जगह हाथी की लीद मैरे पर गिरती………….
नकारात्मक विचार के क्या लक्षण है?
तनाव में होना, नींद ना आना, अपनों से दूर रहना अकेले समय बिताना, हमेशा दुखी रहना, हर बात पर क्रोधित होना, यह सारी चीजें नकारात्मक विचार के लक्षण होते हैं।
हम कैसे निगेटिव सोच से बचे? वैसे तो यह प्रक्रिया बहुत कठिन है पर असंभव नही है । नीचे कुछ सुझाव दिये जा रहे हैं जिनका अनुसरण करके हम निगेटिव सोच से आसानी से बच सकते हैं :
- अच्छा सकारात्मक संगीत सुने
- निगेटिवे सोच वाले लोगो की संगत से बचे।
- अपने आसपास साफ सफाई रखे। अपने घर कि दीवारों पर प्रेरणा दायक पोस्टर लगाए।
- खुद के निर्णय पर विश्वास करे।
- लोगो मे अच्छाई देखे बुराई मत ढूंढे
- योगा करे व अपने मन को केन्द्रित करे।
- हमेशा हँसते रहे।
- गायत्री मंत्र का हर वक़्त मानसिक पाठ करते रहे।
- अपने आप को व्यस्त रखे ।
- वर्तमान मे जिये ओर खुद को प्रोत्साहित करे।
- अच्छे और सफल इंसानों को सुनें।
- अच्छी किताबें पढ़ें। खास तोर से Rhonda Byrne की किताब The Secret। इसका हिन्दी version भी उपलब्ध हे।
- नई-नई चीजें सीखें।
सारांश :
निगेटिवे सोच एक घातक बीमारी की तरह है। इस से जितना जल्दी हो सके छुटकारा पा लेना चाहिए। ओर छुटकारा पाने के लिए ऊपर दिये गए उपायो को जो आपको उचित लगे अपनाए । मुहे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास हे कि आप शीघ्र ही निगेटिवे सोच से छुटकारा पा लेंगे।
ये भी पढ़े:
· क्या करे जब हमे निराशा घेर ले
· मन घबराये तो क्या करे?
· गुस्सा क्या है?, गुस्से पर कैसे काबू पाएं? गुस्सा करना कैसे छोड़े?
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.