सबसे ज्यादा पूछे जाना वाला प्रश्न है की कीटो डाइट क्या है और इसके क्या फायदे हैं आज मैं इसके बारे में विस्तार से बताऊंगा आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें क्योंकि अधूरी जानकारी आपका नुकसान कर सकती है।
कीटो डायट को कीटोजेनिक डायट भी कहते हैं। जैसा की हम जानते हैं की हमको अपने शरीर को संचालित करने के लिये ऊर्जा की आवश्यकता होती है इस ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए हम भोजन करते हैं। कीटो डायट के रूप में हम अपने शरीर को ऐसा भोजन देते हैं जिसके कारण हमारा शरीर हमारे अतिरिक्त फैट को ही ऊर्जा प्राप्त करने के लिये इस्तेमाल करने लगता है जिसके फलस्वरूप हमारा वजन घटने लगता है।
ये बात मैंने आपको साधारण सामान्य शब्दों में बताई मैं समझता हूँ की आप समझ गए होंगे की कीटो डायट हमारे वजन को कम करने के लिए, लिए जाने वाली डायट है।
कीटो डायट शरीर में ब्लड शुगर और इंसुलिन का लेवल घटाने में भी काफी मदद करता है। कीटो डायट एक संतुलित आहार योजना है जिसके अंतर्गत आपको आहार के रूप में ऐसा भोजन दिया जिसमें बहुत कम कार्बोहाइड्रेट हो और पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन हो जिसके कारण ऊर्जा प्राप्ति के लिए हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट की कमी के कारण हमारे शरीर में जमा अतिरिक्त फैट का इस्तेमाल करने लगता है जिसके फलस्वरूप हमारा वजन कम हो जाता है।
कीटो डायट के फायदे क्या हैं ?
कीटो डायट का सबसे बड़ा फायदा है की हमारा स्वास्थ्य सही रहने लगता है हमारा वजन एक आसान तरीके से कम होने लगता है। हम इस तरीके से संतुलित जीवन जीते हैं। जब हम स्वस्थ रहते हैं तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। मैं तो कहता हूँ की कीटो डायट खुशियों की ओर पहला कदम है। मुख्य रूप से कीटो डायट के ये फायदे हैं।
- वजन घटाने का समर्थन करता है
- मुँहासे में सुधार करता है
- कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है
- मस्तिष्क के कार्यो की रक्षा कर सकता है
- संभावित रूप से दौरे को कम करता है
- पीसीओएस (PCOS)के लक्षणों में सुधार करता है
कीटो डायट के नुकसान क्या हैं ?
कीटो डायट यदि बिना किसी एक्सपर्ट की सहायता के ली जाये तो फिर नुकसान कर सकती है। इसलिये कीटो डायट हमेशा एक्सपर्ट के द्वारा बताये गए तरीके से लेनी चाहिए। यदि आप कीटो डायट लेकर स्वस्थ रहना चाहते हैं तो यहॉं क्लिक करें यदि आप प्रीमियम प्लान खरीदते हैं तो आपको 60 दिन की मनी बैक गारंटी भी मिलती है।
कीटो डाइट में कम कार्बोहाइट्रेड लेने से आपके शरीर में कुछ प्रोब्लम्स आने लगती हैं। जैसे :
1. होल ग्रेन बंद करने से आपकी बॉडी में फाइबर की काफी कमी हो जाएगी। इससे आपकी जो बॉल्व मूवमेंट (Flash Out) में प्रोब्लम्स आ सकती है। इसके लिए आपको अपनी डाइट में इतना फाइबर एड करना जरूरी है, कि आप 20-25 ग्राम फाइबर तक पहुंच जाएं।
अब आप सोच रहे होंगे कि फाइबर कैसे एड करेंगे, क्योंकि मीट, चिकन, अंडे, तेल आदि में फाइबर नहीं पाया जाता। तो बताना चाहूंगा कि इसके लिए आप अपनी डाइट में हरी सब्जियां एड करें जिनमें काफी अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जैसे – पालक, मेथी, लेट्युस, खीरा, लौकी, पुदीना आदि।
- अनाज बंद करने से आपकी बॉडी को काफी सारे मिनरल्स और विटामिन्स नहीं मिलेंगे, तो आपकी बॉडी में इन सबकी कमी हो जाएगी। इसलिए आपको मल्टीविटामिन टेबलेट को अपनी डाइट में एड करना जरूरी हो जाएगा।
3. तीसरी जिस चीज की कमी होगी, वो है पानी। जब आपकी बॉडी में कार्ब की मात्रा कम होगी तो आपकी बॉडी पानी को होल्ड नहीं करेगी, क्योंकि आप तो जानते ही होंगे कि एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट 3 ग्राम पानी को होल्ड करता है और जब शरीर में कार्ब ही नहीं होगा तो पानी की भी कमी होगी। इसलिए ध्यान रखें कि ऐसे में दिन भर में कम से कम 10 गिलास पानी जरूर पिएं।
कीटो डाइट शुरू करने के बाद जब आपका मेटाबॉलिज्म चेंज होगा, तो आपको कुछ टेम्परेरी हेल्दी प्रोब्लम्स भी होंगी, जो कि 5-7 दिन तक ही रहेंगी। जिससे आपको काफी भूख लगेगी, आलस आएगा, थकान होगी आदि। इसके लिए आपको मेंटली रूप से तैयार रहना होगा, तो ये काफी अच्छे से काम करेगी।
इस डाइट को 1-3 महीने तक ही फॉलो करें, इसके बाद फिर अपनी नॉर्मल डाइट पर आएं और फिर कुछ समय बाद अपने गोल के मुताबिक इस डाइट को फिर से रिपीट कर सकते हैं।
कीटो डाइट में क्या खाना चाहिए
कीटो डाइट प्लान (Keto Diet Plan in Hindi) में आपको सबसे ज्यादा ध्यान खाने का ही रखना होता है, क्योंकि यदि आप बीच में कुछ गलत खा लेते हैं, तो आप कीटोसिस से बाहर आ सकते हैं। इस डाइट में आपको वो चीजें खानी हैं जिसमें हाई फैट और लो कार्ब हो और मीडियम प्रोटीन हो। जैसे- नट्स, सीड्स, ऑलिव ऑयल, चिकन, मटन, हरी सब्जियां, बादाम, काजू, मूंगफली, पनीर, क्रीम, बटर, अखरोट, नारियल तेल का सेवन कर सकते हैं।
कीटो डाइट में क्या नहीं खाना चाहिए:
कीटो डाइट में खाने वाली चीजों की अपेक्षा न खाने वाली चीजों की लिस्ट ज्यादा लंबी है। इसमें आप फल (सेब, केला, पाइनेप्पल, संतरा, मोसम्मी, अंगूर यानि कुछ भी), आलू, ब्रेड, दाल, चने, गेहूं, शुगर, दही, दूध आदि में से कुछ भी नहीं खा सकते। क्योंकि इनमें काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।
अपना वजन कम करने के लिए आमतौर पर लोग ये गलतियां करने लगते हैं :-
- कुछ लोग खाना-पीना पूरी तरह छोड़ देते हैं और रात में भी भूखे पेट सोने लगते हैं।
- कुछ लोग इतना वर्कआउट और कार्डियो करते हैं, कि वे अपना मसल्स लॉस कर बैठते हैं।
- कुछ लोग हमेशा कन्फ्यूज ही रहते हैं कि उन्हें मसल्स बिल्डिंग करना है या फैट लॉस
- वहीं कुछ लोग इंटरनेट से बिना जांच पड़ताल करके अपने लिए कोई भी डाइट फॉलो करने लगते हैं, जो उन्हें लगता है कि वो हेल्दी होगी।आपको वजन कम करने के लिए सबसे ज्यादा जिस चीज की जरुरत है वो है डाइट।इसीलिए जब वजन कम करने वाली डाइट का नाम आता है तौ उसमे सब से ऊपर जिस डाइट का नाम आता है वो हैकीटो डाइट ।
कीटो डाइट को कीटोजेनिक डाइट, लो-कार्ब डाइट, लो-कार्ब हाई फैट डाइट आदि नाम से भी जानते हैं। नॉर्मल डाइट में प्रोटीन कार्ब हाई होता है, प्रोटीन काफी कम होता है और फैट मीडियम होता है, जिस कारण अधिकतर लोग अनहेल्दी रहते हैं।
लेकिन वहीं दूसरी ओर कीटो डाइट में सबकुछ उल्टा होता है। इसमें कार्ब की मात्रा सबसे कम, फैट की मात्रा सबसे अधिक और प्रोटीन की मात्रा फैट और कार्ब के बीच होती है।
कीटो डाइट मैक्रो
यदि आप कीटो डाइट कर रहे हैं, तो आपकी हर मील में प्रोटीन, कार्ब और फैट का ये रेश्यो होना चाहिए।
फैट- 70 प्रतिशत
प्रोटीन- 25 प्रतिशत
कार्ब- 5 प्रतिशत
हमारी बॉडी को कार्ब्स से एनर्जी मिलती है ये बिल्कुल सही है। बॉडी में कार्ब्स न होने पर फैट से एनर्जी मिलती है और यदि आपके शरीर में फैट भी नहीं होता, तो आपके मसल्स को बर्न करके आपकी बॉडी आपको एनर्जी देती है।
आप जब ज्यादा कार्ब खाते हैं तो आपकी बॉडी उनको ब्रेक करके ग्लूकोस में कन्वर्ट कर देता है। अब सोचिए जब आप ज्यादा कार्ब खाते हैं, तो उनमें से कुछ भाग को तो बॉडी ग्लूकोस में कन्वर्ट करके किसी काम या शरीरिक एक्टिविटी के द्वारा बर्न कर देती है और बाकी ग्लूकोस आपकी बॉडी फैट के रूप में स्टोर हो जाता है, जिससे आप धीरे-धीरे मोटे हो जाते हैं।
कार्ब को ग्लूकोस में कन्वर्ट करना आपकी बॉडी के लिए सबसे सरल काम होता है। आपको वजन कम करने के लिए इस ग्लूकोस को कम करना होगा और ग्लूकोस बनता है कार्ब से तो इसका सीधा-सीधा मतलब है आपको कार्ब्स की मात्रा कट करना होगी।
कीटो डाइट में आप जब कार्ब लेना बंद कर देते हैं, तो आपकी बॉडी को आपको एनर्जेटिक रखने का जो दूसरा जरिया बचता है वो है फैट।
ऐसे में आपके लीवर में कीटोन्स बनने लगते हैं और आपकी बॉडी कीटो स्टेज में पहुंच जाती है और आपकी बॉडी सेकेंडरी एनर्जी सोर्स यानि फैट को बर्न करके आपको एनर्जी देती है, क्योंकि उसे पता होता है कि आप कार्ब्स लेना बंद कर चुके हैं।
आपके शरीर में जमा हुआ फैट आपकी स्टोर्ड एनर्जी है और कीटो स्टेज में आपकी बॉडी आपके उसी स्टोर्ड फैट को बर्न करेगी और ऐसे आपका फैट लॉस होगा, वेटलॉस होगा और धीरे-धीरे आप लीन होने लगेंगे।
उस समय आपको प्रोटीन लेना इसलिए जरूरी है, क्योंकि आपकी बॉडी मसल्स को ब्रेक न करे और आप बहुत अधिक लीन न हों।
कई प्रकार के कीटो आहार हैं, जिनमें:
स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डायट:जिसमें कार्ब्स की मात्रा काफी कम, प्रोटीन की मोडरेट और फैट की ज्यादा मात्रा होती है।
साइक्लिकल कीटोजेनिक डायट,: जिसमें हफ्ते में दो दिन हाई कार्ब्स डायट ली जाती है और बाकी दिन नार्मल कीटो डायट ली जाती है।
टारगेटेड कीटोजेनिक डायट::, जिसमें वर्कआउट के आसपास कार्ब्स को शामिल किया जा सकता है।
कीटो डाइट करने से होने वाली समस्याएं:
निष्कर्ष :
अब आप समझ ही गए होंगे, कि वजन कम करने के लिए ये डाइट कितनी अहम है। वरुण धवन, अरशद वारसी, आलिया भट्ट, अर्जुन कपूर, सोनाक्षी सिन्हा आदि ने वजन कम करने के लिए कीटो डाइट का ही सहारा लिया था।
बस ध्यान रखें कि इसे फॉलो करने के पहले अपने फिटनेस ट्रेनर या फिर न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह जरूर लें।
ये भी पढ़े:
· सरल योग का उपयोग करके कैलोरी बर्न करें
Pingback: बिक्री की कला से दस गुना करे अपनी बिक्री - Bigfinder