सूर्य नमस्कार की हर मुद्रा के क्या फायदे है?

सूर्य नमस्कार की हर मुद्रा के क्या फायदे है?

सूर्य नमस्कार की हर मुद्रा के क्या फायदे है?
सूर्य नमस्कार की हर मुद्रा के क्या फायदे है?

सूर्य नमस्कार की हर मुद्रा के क्या फायदे है?

सुर्य नमस्कार अपने आप मे एक व्यायाम है । वो भी ऐसा व्यायाम कि इसे करने के बाद फिर किसी और व्यायाम की जरूरत नही पड़ती हैं ऐसी मान्यता है । सुर्य नमस्कार की हर मुद्रा के अलग अलग फायदे है जिन्हे करने से शरीर के सातो चक्र जागृत हो जाते हैं । 

आइये आज हम कई योग गुरूओ की राय जानने के बाद सुर्य नमस्कार की हर मुद्रा के बारे मे बताने की चेष्टा करते हैं कि इन मुद्राओ के क्या क्या स्वास्थ्य लाभ है? :

  1. प्रार्थना मुद्रा : इस मुद्रा से अनाहत चक्र जागृत हो जाता है व तनाव व चिंता कम होती है । शारीरिक संतुलन बनाने में मदद मिलती है । दिमाग शांत करती है और ध्यान बढ़ाती है ।
  2. हस्त उत्तानासन: इस आसन से विशुद्धि चक्र जागृत होता है । इससे शरीर की बनावट ठीक होती है । कंधे सुडौल होते हैं । पेट का निचला हिस्सा मजबूत होता है । पीठ दर्द से राहत मिलती है ।
  3. पादहस्तासन : इस आसन से मूलाधार चक्र जागृत होता है । जिससे पीठ, कुल्हे, पिंडली और टखने स्वस्थ रहते हैं । मोटापा कम करता है । पेट व प्रजनन अंगो को सुधारता है । बाल स्वस्थ होते हैं ।
  4. अश्व संचालनासन : इस आसन से स्वाधिष्ठान चक्र जागृत हो है जिसकी वजह से पैर और रीढ़ की मांसपेशीया मजबूत होती है ।पेट से जुड़ी समस्याये दुर होती है ।अपच और कब्ज दुर होता है । 
  5. दंडासन : इस आसन से अअनाहत चक्र जागृत होता है जिसकी वजह से शरीर की मुद्रा मे सुधार होता है । कंधे और सीने को मजबूत करता है । एकाग्रता बढ़ती है ।दिमाग शांत रहता है ।
  6. अष्टांग नमस्कार : इस नमस्कार से आज्ञा चक्र जागृत होता है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है । पीठ और रीढ़ की हड्डी मे लचीलापन बढ़ता है ।पातनतंत्र ठीक रहता है । 
  7. भुजंगासन : इस आसन से मणिपुर चक्र जागृत होता है जिससे कंधो, सीने, पीठ और पैरो की मांसपेशीयो को लाभ मिलता है । वजन कम होता है । थकान और तनाव दूर होता है ।
  8. अधोमुख श्वानासन : इस आसन से सहसार चक्र जागृत होता है जिसकी वजह से शरीर की सभी मांसपेशीया मजबूत होती है । पीठ मजबूत होती है ।रक्त संचार बढ़ता है ।मानसिक तनाव भी दूर होता है ।

सारांश : उपरोक्त आसनो मे से जो भी आसन या मुद्रा आपको आसान लगे वो आप चुन सकते हैं । हमारी सलाह है कि कोई भी आसन या मुद्रा करने से पहले किसी विशेषज्ञ की राय अवश्य ले लेवे व उससे सही मुद्रा करने का तरीका सीख कर ही प्रारंभ करे ।

 

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