भूलना क्या एक बीमारी है?
अक्सर आपने लोगो को ये कहते सुना होगा कि मै भूल गया। मुझे याद नहीं रहा। आजकल ये एक आम बात हो गई है।
इस भूलने कि आदत को अल्जाइमर रोग(अंग्रेज़ी:Alzheimer’s Disease) रोग ‘भूलने का रोग‘ कहते है। इसका नाम अलोइस अल्जाइमर पर रखा गया है, जिन्होंने सबसे पहले इसका विवरण दिया। इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति आदि शामिल हैं।
भूलने की आदत क्यों हो जाती है?
यही वजह है कि लोग एकाग्रचित्त नहीं हो पाते और याद होने से पहले ही वे चीजों को भूल जाते हैं। ‘ कुछ ऐसा ही हाल है बच्चों का। मेडिकल साइंस की बात करें तो हमारे दिमाग में कुछ खास सर्किट होते हैं जो जन्म से ही कम या ज्यादा हो सकते हैं। इसकी वजह से ही आई क्यू कम या ज्यादा हो सकता है।याद नहीं रहने का क्या कारण है?
कुछ भी भूलने का सबसे आम कारण है ध्यान न देना।
नींद की कमी. -जिससे दिमाग में थोड़ी सुस्ती बनी रहती है. -ये सब भी चीज़ों को याद रखने की क्षमता को कम करते हैं. -कुछ विटामिंस की कमी जैसे विटामिन B12.
याददाश्त और सोचने की अन्य समस्याओं के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें अवसाद, संक्रमण या दवा के दुष्प्रभाव शामिल हैं। कभी-कभी, समस्या का इलाज किया जा सकता है और संज्ञान में सुधार होता है। दूसरी बार, समस्या एक मस्तिष्क विकार है, जैसे अल्जाइमर रोग, जिसे उलटा नहीं किया जा सकता है।
दिमाग खराब होने लगे तो क्या करें?
दिमाग के लगातार प्रयोग से दिमाग भी थक जाता है. इसलिए 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है, जिससे कि आप और आपका दिमाग तरोताजा महसूस करें. नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें जिससे कि आपके दिमाग के साथ शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर रहेगा. मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग जैसे काम करे जिससे आपकी याद्दाश्त बढ़ेगी.