अच्छा मार्ग क्या है इसको कैसे पहचानें ? आपका ये एक अच्छा प्रश्न है इसको समझना बहुत आवश्यक है में इस प्रश्न का उत्तर एक कहानी के माध्यम से देना चाहूँगा।
आप ही अपने सुख और दुःख के कर्ता हैं। आप ही सुख और दुःख के नाशक। यदि आप अच्छे मार्ग पर चलते हो तो आप अपने मित्र हो यदि आप बुरे मार्ग पर चलते हो तो आप अपने ही शत्रु ये इतना आसान सूत्र है यदि इसको समझ लिया जीवन में कोई कष्ट होना ही नहीं है।
एक बहुत ही बढ़िया चित्रकार थे उनको पैसे की बहुत आवश्यकता थी उन्होंने अपनी चित्रकारी से एक हूबहू दो हजार का नोट बनाया और उसको बाजार में चला आये। उनकी इस चालाकी को कोई नहीं पकड़ पाया। अब इनको मजा आने लगा इनको जब पैसे की जरूरत होती ये एक दो हजार का नोट बनाते उसको बाजार ले जाते और अपनी जरूरत का सामान लेकर आ जाते।
एक दिन उनकी ये करतूत खुल गयी और अब ये चित्रकार महोदय जेल की हवा खा रहे हैं। यदि ये चित्रकार महोदय अपनी योग्यता का इस्तेमाल एक बेहतर तस्वीर बनाने में करते तो उनकी बनायीं हुई तस्वीर करोड़ों में बिक सकती थी। लेकिन उन्होंने अपनी योग्यता का गलत इस्तेमाल किया और आज दण्ड भुगत रहें हैं।
विचारणीय ये है की हम अपनी योग्यता का इस्तेमाल किस तरह करते हैं। मैं समझता हूँ की आपको अच्छा मार्ग या बुरा मार्ग की समझ आ गयी होगी। आप अच्छे मार्ग पर चलते हो तो आप अपने मित्र हो और यदि आप बुरे मार्ग पर चलते हो तो शत्रु हो।
इसको थोड़ा और विस्तार से समझते हैं। कभी कभी हम अपनी सोच के कारण भी स्वयं के शत्रु हो जाते हैं। जब हम किसी के ऊपर क्रोधित होते हैं तो ये तो पक्का पता नहीं है की वो सुधरेगा या नहीं उसको आपके क्रोधित होने से दुःख पहुंचा या नहीं लेकिन ये पक्का है की ये व्यवहार मेरे स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालेगा।
तो मैं ऐसा व्यवहार क्यों करूँ की मेरा स्वास्थ्य ख़राब हो ये जानकर भी मैं क्रोधित होता हूँ तो मैं अपना शत्रु हूँ और यदि क्रोध नहीं करता बल्कि शांत मन से समस्या पर गौर करता हूँ। तो मैं अपना मित्र हूँ। क्योंकि इस प्रकार समस्या का स्थायी हल निकल आएगा।
क्या करें जब कोई दूसरा आपके ऊपर क्रोधित हो या आपको बुरा भला कहे आप उसको गौर से देखें वो अपनी योजना पर सफल नहीं हुआ इसलिए आपके ऊपर क्रोधित हो रहा है यदि किसी कारण वश वो आपके ऊपर क्रोधित हो रहा है तो उस कारण का निवारण कर दें।
और यदि अकारण ही सामने वाला क्रोधित हो रहा है तो आप अपने कार्य में मस्त रहें सामने वाले का क्रोध समय के साथ साथ शांत हो जायेगा। जब भी कोई आपको कष्ट पहुंचाने का प्रयास करे आप अपने कार्य में व्यस्त हो जाएँ। उस कष्ट को ज्यादा भाव ना दें कष्ट अपने आप चला जायेगा।
मैं समझता हूँ आप मेरी बात समझ गए होंगे और सहमत भी होंगे। आप मुझे कमेंट करके बताएं की आप मेरे विचार से कितने सहमत हैं ?