क्या गायत्री मंत्र माइग्रेन से राहत दिला सकता है?
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
माइग्रेन (सिरदर्द) आमतौर पर एक स्पंदन या टीस वाला दर्द होता है, जो मध्यम से लेकर गंभीर तक होता है। यह सिर के एक या दोनों हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। यह अक्सर शारीरिक गतिविधि, प्रकाश, ध्वनि या गंध से और बढ़ जाता है और साथ में मतली, उल्टी और ध्वनि, प्रकाश और/या गंध के प्रति संवेदनशीलता होता है।
वैसे तो माइग्रेन के इलाज के लिए ऐलोपेथिक, आयुर्वेदिक, होमिओपेथिक इत्यादि कई इलाज है। हम इस ब्लॉग मे मंत्र द्वारा केसे माइग्रेन याने कि आधा शीशी का दर्द झाड सकते है के बारे मे बात कर रहे है।
जेसा कि आप सब को विदित ही है कि गायत्री एक रामबाण मंत्र है और इससे जाप से कई रोग दूर हो जाते है।
गायत्री मन्त्र ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् के निम्न प्रयोग से आधा शीशी याने कि माइग्रेन का दर्द भी झाड जाता है:
भोज पत्र पर दाडिम से गोरोच की स्याही बनाकर गायत्री मन्त्र लिखें और मन्त्र के शुरू में 5 प्रणन ओ३म् लिखकर माथे पर बांधे तो आधा शीशी का दर्द मिट जाता है।
एक अन्य निम्न मंत्र से भी आधा शीशी का दर्द झड़ जाता है ।
आधा शीशी( Migraine) झाड़ने का मन्त्र-
वन में ब्याई अंजनी कच्चे वल फल खाव ।
हाक मारी हनुमान ने इस पिड से आभा लीशी उत्तर जाए ।
इस मन्त्र को सात बार भभूत पढ़कर रोगी को फूंक मारें तो आधा शीशी का दर्द मिट जाता है।
उपरोक्त सारी बाते अपने अपने विश्वास की बाते है। इन सब के साथ डाक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि bigfinder.co.in किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
Disclaimer: The information provided here is based only on assumptions and information. It is important to mention here that bigfinder.co.in does not endorse or confirm the information in any way. Before implementing any information or belief, consult the concerned expert.