गायत्री मंत्र की महिमा मेरे जीवन में

गायत्री मंत्र की महिमा मेरे जीवन मे - 19 SEPTEMBER 2022: गायत्री मंत्र की महिमा मेरे जीवन मे feature post image. (Photo by Canva.com) - Provided by https://bigfinder.co.in/

गायत्री मंत्र की महिमा मेरे जीवन में

इस पोस्ट में मैंने बताया है गायत्री मंत्र की महिमा मेरे जीवन में आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और अपना अनुभव नीचे कमेंट में जरूर बताएं। 

ओम भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात ।

गायत्री मंत्र का अर्थ – उस प्राणस्वरूप दुखनाशक सुखस्वरूप श्रेष्ठ तेजस्वी पापनाशक देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतःकरण में धारण करें वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें।

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गायत्री मंत्र के जाप से व्यक्ति का तेज बढ़ता है, मानसिक चिंताओ से मुक्ति मिलती है ।

गायत्री मंत्र मे चौबीस अक्षर है ये चौबीस अक्षर 24 शक्तियों सिद्धीयो के प्रतीक है ।

गायत्री मंत्र  सबसे  पहले  ऋग्वेद में आया था, जो लगभग 2500 से 3500 साल पहले संस्कृत में लिखा गया था। ऐसा कहा जाता है कि ऋषि विश्वामित्र को उनकी कई वर्षों की श्रद्धा और ध्यान के लिए गायत्री मंत्र दिया गया था, जिसे सभी मानवता के साथ साझा किया गया था, इसलिए इसका कोई भी सांसारिक लेखक नहीं माना जाता है।

वैसे तो गायत्री मंत्र से सारी दुनिया वाकिफ है, इसके बारे में लिख कर आप लोगो का समय बर्बाद नही करना चाहता हूँ । इस ब्लॉग मे मै आप लोगो को अपने द्वारा गायत्री मंत्र का पाठ करने से मुझे क्या फायदा हुआ या होता है के बारे में बताना चाहता हूँ । मै गायत्री मंत्र का पाठ बचपन से करता आ रहा हूँ । मै जब भी समय मिलता है गायत्री मंत्र का मानसिक पाठ करता रहता हूँ । बहुत कम मै माला लेकर गायत्री मंत्र का पाठ करता हूँ । मै गायत्री मंत्र के पाठ के लिए कोई विशेष समय का अनुसरण नही करता हूँ । बस मैरा गायत्री मंत्र मे विश्वास है व उसी विश्वास के कारण मेरे जीवन मे जो गायत्री मंत्र के कारण हुआ या होता है का वर्णन नीचे करने जा रहा हूँ :

बात उन दिनो की है जब मै 1994-95 मे रायपुर छत्तीसगढ़ (उस समय का पूर्वी मध्य प्रदेश) पोस्टेड था । मुझे उड़ीसा बॉर्डर रायगढ़ से उत्तरप्रदेश बॉर्डर रीवा तक टुर करना पड़ता था । ज्यादातर सफर ट्रेन द्वारा वातानुकूलित कोच से करना पड़ता था । कई बार रात को क्योंकि वातानुकूलित कोच चारो तरफ से बंद होता था तो मुझे सांस लेने मे तकलीफ हो जाती थी व घबराहट होने लगती थी । तब मै परम पिता परमेश्वर का ध्यान करके लेटे लेटे ही गायत्री मंत्र का मानसिक पाठ करना शुरू कर देता था । धीरे धीरे कब मेरी घबराहट कम हो जाती थी व कब नींद लग जाती थी पता ही नही चलता था । मुझे नही पता कि ये परम पिता परमेश्वर का आशीर्वाद था या गायत्री मंत्र का प्रभाव पर हर बार जब भी ऐसा होता तो मै गायत्री मंत्र का पाठ करना शुरू कर देता था व मुझे आराम मिलने लग जाता था । आज भी जब कभी भी मुझे सांस लेने मे तकलीफ होती है या घबराहट होती है तो मै परम पिता परमेश्वर को समर्पित करके गायत्री मंत्र का पाठ करना प्रारंभ कर देता हूँ व मुझे आराम मिलता है । ऐसे ही घर मे कई बार किसी की रात बिरात तबीयत खराब हो जाये और डाक्टर को दिखाने तक तबीयत और ज्यादा खराब नही हो जाये तब तक मै परम पिता परमेश्वर को याद करके व उनको समर्पित करके बीमार व्यक्ति को टच करके गायत्री मंत्र का पाठ प्रारंभ कर देता हूँ । इससे भी पीड़ित को काफी आराम मिल जाता है। 

उपरोक्त बाते मैरे द्वारा स्वयं आजमायी गयी है व इसमै कही कोई अतिशयोक्ति नही है । मै ये भी नही कहता कि आप भी ऐसा करेंगे तो आपको भी आराम मिलेगा । बस ये तो आपका गायत्री मंत्र पर विश्वास की बात है । अगर  आप सच्चे मन से गायत्री मंत्र का पाठ करेंगे तौ आपको भी अवश्य लाभ मिलेगा। मै कोई चमत्कार की बात की बात नहीं कर रहा हूँ पर ये बात पक्की है कि गायत्री मंत्र के जप से हमे मानसिक रूप से शांति मिलती है और हमारे काम भी होते है, बस सिर्फ विश्वास रखना पड़ता है। जय माँ गायत्री 

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