चेत्र नवरात्रि:क्या करे क्या ना करे
चेत्र नवरात्रि:
हिंदू धर्म में चेत्र नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण है। साल में चार बार नवरात्रि आती है, लेकिन चेत्र नवरात्रि का एक विशेष महत्व है। हिंदू नव वर्ष की शुरुआत चेत्र नवरात्रि से होती है।
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।यह नवरात्रि है जब लोग व्रत रखते हैं, मां दुर्गा की पूजा करते हैं और दान करते हैं।
नवरात्र का महत्व:
“नवरात्रि” का मतलब है “नौ रातें”। नवरात्रि का पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है।
नवरात्रि में विजय और शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। नवरात्रि का पर्व भी आत्मविकास का अवसर है। इस चेत्र नवरात्रि मे लोग व्रत रखते हैं, मां दुर्गा की पूजा करते हैं और दान करते हैं।
नवरात्र के 9 दिनो का महत्व:
नवरात्रि के नौ दिनों का एक अलग अर्थ है। प्रत्येक दिन एक देवी को पूजा और समर्पित किया जाता है। पहले तीन दिनों में मां दुर्गा को शक्ति के रूप में पूजा जाता है। चौथे और पांचवें दिनों में मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है, जो धन और सौभाग्य का प्रतीक हैं। मां सरस्वती, ज्ञान की देवी, छठे और सातवें दिन पूजी जाती है। आठवें और नौवें दिनों में मां दुर्गा के दो रूपों, मां सिद्धिदात्री और मां काली की पूजा की जाती है।
चेत्र नवरात्रि में क्या करें:
कलश स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन घर में एक कलश रखें।
माँ दुर्गा पूजा: नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा करें।
व्रत: आप व्रत रखना चाहते हैं तो नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत रख सकते हैं।
नवरात्र का पाठ: नवरात्र के नौ दिनों तक पाठ करें।
दान: नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान दान करना चाहिए।
भजन: नवरात्रि के नौ दिनों तक भजन करते रहना चाहिए।
ध्यान : नवरात्रि के नौ दिनों तक ध्यान करते रहना चाहिए।
सकारात्मकता : नवरात्रि के नौ दिनों तक सकारात्मक विचारों का पालन करें।
घर सफाई: नवरात्रि के नौ दिनों तक घर को साफ-सफाई करना चाहिए।
चेत्र नवरात्रि पर क्या नहीं करना चाहिए:
मांस व मदिरा: नवरात्रि के नौ दिनों तक मांस-मदिरा नहीं खाना चाहिए।
झुठ: नवरात्र के नौ दिनों तक झूठ नहीं बोलना चाहिए।
लडाई-झगड़ा : नवरात्रि के नौ दिनों तक संघर्ष नहीं करना चाहिए।
नकारात्मक पक्ष: नवरात्रि के नौ दिनों तक नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।
बाल-दाढ़ी-नाखून कटवाना: नवरात्रि के नौ दिनों तक बाल-दाढ़ी-नाखून न कटवाएं।
चमड़े की सामग्री: नवरात्रि के नौ दिनों तक चमड़े का उपयोग न करें।
शारीरिक संबंध: नवरात्रि के नौ दिनों तक किसी भी तरह का शारीरिक संबंध नहीं करना चाहिए।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये कुछ सामान्य बातें हैं जो आपको चेत्र नवरात्रि में करनी चाहिए और नहीं करनी चाहिए। आप अपनी व्यक्तिगत मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार इनमें बदलाव कर सकते हैं।
चेत्र नवरात्रि में कौन से मंत्र का जाप करें:
चेत्र नवरात्रि में विभिन्न मंत्रों का जाप किया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख मंत्र निम्नलिखित हैं:
माँ शैलपुत्री:
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः
माँ ब्रह्मचारिणी:
- ॐ देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता नम:
माँ चंद्रघंटा:
- ॐ ऐं क्लीं चंद्रघंटायै नमः
माँ कुष्मांडा:
- ॐ देवी सर्वभूतेषु माँ कुष्मांडा रूपेण संस्थिता नमः
माँ स्कंदमाता:
- ॐ ऐं क्लीं स्कंदमातायै नमः
माँ कात्यायनी:
- ॐ ऐं क्लीं कात्यायनी देव्यै नमः
माँ कालरात्रि:
- ॐ ऐं क्लीं कालरात्रायै नमः
माँ महागौरी:
- ॐ ऐं क्लीं महागौर्यै नमः
माँ सिद्धिदात्री:
- ॐ ऐं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः
इन मंत्रों के अलावा, आप “नवार्ण मंत्र” का भी जाप कर सकते हैं:
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः
कौन सी आरती करें:
चेत्र नवरात्रि में विभिन्न आरतियों का भी पाठ किया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख आरतियाँ निम्नलिखित हैं:
माँ शैलपुत्री:
- जय शैलपुत्री भवानी
माँ ब्रह्मचारिणी:
- जय ब्रह्मचारिणी माँ
माँ चंद्रघंटा:
- जय चंद्रघंटा माँ
माँ कुष्मांडा:
- जय कुष्मांडा माँ
माँ स्कंदमाता:
- जय स्कंदमाता माँ
माँ कात्यायनी:
- जय कात्यायनी माँ
माँ कालरात्रि:
- जय कालरात्रि माँ
माँ महागौरी:
- जय महागौरी माँ
माँ सिद्धिदात्री:
- जय सिद्धिदात्री माँ
इन आरतियों के अलावा, आप “दुर्गा आरती” का भी पाठ कर सकते हैं:
- जय अम्बे गौरी, जय शिव शक्ति
नवरात्रि के दौरान मंत्रों का जाप और आरतियों का पाठ करने से मन को शांति और आत्मबल में वृद्धि होती है।
हिंदू धर्म में चेत्र नवरात्रि और नवरात्रि दो महत्वपूर्ण त्योहार हैं। इन पर्वों का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है। लोग इन त्योहारों पर मां दुर्गा की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं, दान करते हैं और आध्यात्मिक विकास करते हैं।
नवरात्र की शुभकामनाएँ!